प्राण प्रतिष्ठा के लिए 2 मंडपों और 9 हवन कुंडों का निर्माण किया गया है। जिनके माध्यम से प्राण प्रतिष्ठा की जाएगा। सनातन परंपरा में किसी मंदिर में देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा का बड़ा महत्व है। प्राण प्रतिष्ठा के द्वारा देवताओं की मूर्तियों को जीवंत किया जाता है। ताकि मूर्तियों में भगवान का वास हो। बिना प्राण प्रतिष्ठा के कोई भी मूर्ति मंदिर में नहीं रखी जाती। प्राण प्रतिष्ठा के लिए सही तिथि और सही मुहूर्त का होना बेहद अनिवार्य है।
प्राण प्रतिष्ठा के पहले हर किसी के पास पूजित अक्षत पहुंचाया जा रहा है। इस अक्षत के माध्यम से सभी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा इस समारोह को दिवाली जैसा मनाने की योजना है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में सम्पन्न होगा। वाराणसी से आए वैदिक आचार्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। जिसमें 121 विद्वान पंडितों की टीम हिस्सा लेगी। पंडितों ने बताया है कि मंदिरों में श्रीराम यंत्र (Shri Ram Yantra) की प्रतिष्ठा भी की जाएगी।
श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रामलला के आसन का पूजन किया जाएगा। साथ ही आसन के नीचे 45 द्रव्यों को रखा जाएगा। इनमें 9 रत्न और विभिन्न औषधियां शामिल होंगी। इसके बाद नवग्रह को आसान पर स्थापित किया जाएगा। भगवान को सोने के सिक्के से काजल लगाया जाएगा। इसके बाद उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विद्वान आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, अरुण दीक्षित, सुनील दीक्षित, दत्तात्रेय नारायण रटाटे, गजानन जोतकर, अनुपम दीक्षित उपस्थित होंगे। इन सभी आचार्यों के मार्गदर्शन में पंडित प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कार्य सम्पन्न कराएंगे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामललला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम जारी कर दिया है। ट्रस्ट की तरफ से कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 16 से लेकर 22 जनवरी तक चलेगा। कर्मकुटी अनुष्ठान के साथ पूजा का कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा।
16 जनवरी : प्राण प्रतिष्ठा की पूजा आरंभ कर दी जाएगी।
17 जनवरी : गर्भगृह का शुद्धिकरण किया जाएगा; साथ ही श्रीविग्रह को मंदिर के परिसर में घुमाया जाएगा।
18 जनवरी : मंदिर में जलाधिवास, सुगंध और गंधाधिवास होगा।
19 जनवरी : फल अधिवास और धान्य अधिवास होगा।
20 जनवरी : सुबह पुष्प और रत्न अधिवास होगा; साथ ही शाम को घृत अधिवास होगा।
21 जनवरी : मिष्ठान, मधु, औषधि और शैय्या अधिवास होगा।
22 जनवरी : रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। साथ ही उन्हें सोने के सिक्के से काजल लगाया जाएगा। इसके उपरांत उन्हे दर्पण दिखाया जाएगा।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े प्रश्न और उत्तर
प्रश्न - प्राण प्रतिष्ठा क्या है?
उत्तर: प्राण प्रतिष्ठा से मंदिर में देवताओं की मूर्तियों में भगवान का वास अंगीकृत होता है, जिसके लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
प्रश्न - राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैसे तैयारी की जा रही है?
उत्तर: प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंडप और हवन कुंड तैयार किए गए हैं, जिनके माध्यम से समारोह का आयोजन किया जाएगा।
प्रश्न - भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम कैसे होगा?
उत्तर: प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 16 से 22 जनवरी तक चलेगा, जिसमें विभिन्न पूजाएं, धार्मिक क्रियाएँ, और आचार्यों की मौजूदगी होगी।
प्रश्न - कौन-कौन से पंडित प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे?
उत्तर: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विभिन्न वैदिक आचार्य, जैसे आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, अरुण दीक्षित, और अन्य, हिस्सा लेंगे।
प्रश्न - रामलला के आसन का पूजन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: रामलला के आसन का पूजन, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में, उनके उपासकों के लिए भगवान के साकार रूप में उपस्थिति को महसूस कराने का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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