Friday, April 18

भगवान परशुराम से जुड़ी कुछ रोचक बातें

interesting facts about lord parshuram

भगवान परशुराम से जुड़ी रोचक बातें

Interesting facts about Lord Parshuram

भगवान परशुराम (Bhagvan Parshuram) महर्षि भृगु (Maharishi Bhrigu) के पौत्र महर्षि जमदग्नि (Maharishi Jamdagni) के पुत्र थे। पुत्र प्राप्ति के लिए महर्षि जमदग्नि ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था, जिससे भगवान इंद्र (Bhagwan Indra) ने प्रसन्न होकर उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति का वरदान दिया था। परशुराम जी की माता का नाम रेणुका था।

पुराणों और ग्रंथों के अनुसार परशुराम जी (Parshuram Ji) का मूल नाम राम था। महादेव (MahaDev) के द्वारा वरदान स्वरूप परशु अस्त्र प्रदान किए जाने के कारण ही इनका नाम परशुराम पड़ा जिसका अर्थ है परशु के साथ राम। परशु का अर्थ है कुल्हाड़ी, जिसे परशु या फरसा भी कहा जाता है। भगवान परशुराम का मुख्य अस्त्र कुल्हाड़ी है, जिसे उन्होंने भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की कठिन तपस्या करके प्राप्त किया था।

भगवान परशुराम (Bhagvan Parshuram) महादेव के परम उपासक थे। परशुराम जी ने महादेव की कठिन तपस्या की थी जिससे महादेव ने प्रसन्न होकर उन्हें शास्त्रों और युद्ध कला की सम्पूर्ण शिक्षा दी थी। इसलिए माना जाता है कि परशुराम के गुरु स्वयं महादेव ही थे। महादेव ने उन्हें कठिन युद्धकला कलारीपयाट्टू की विद्या भी प्रदान की थी और चिरंजीवी का वरदान परशुराम जी को महादेव ने ही दिया था।

भगवान परशुराम के विभिन्न नाम (Different names of Lord Parashurama)

भगवान परशुराम (Lord Parshuram) को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैस, जमदग्नि के पुत्र होने के कारण जामदग्न्य, भृगु वंश में जन्म लेने के कारण भार्गव, भृगुपति जिसका अर्थ है भृगु के वंशजों का भगवान, महर्षि जमदग्नि की पत्नी और परशुराम जी की माता का नाम रेणुका था इसलिए रेणुकेय, परशुधर (Parshudhar) अर्थात् जिसके हाथ में फरसा हो इत्यादि नामों से जाना है।

इससे परे भगवान परशुराम (Lord Parshuram) को ब्रह्म-क्षत्रिय भी कहा जाता था, क्योंकि वह जन्म से ब्राह्मण अवश्य थे किंतु कर्म से क्षत्रिय थे, क्योंकि उनके सभी गुण जैसे युद्ध-कला में निपुणता, वीरता, शूरता, पराक्रम और निर्भयता आदि क्षत्रियों वाले ही थे।

पुराणों के अनुसार परशुराम जी (Parshuram Ji) ने पृथ्वी से अभिमानी और उद्दंड हैहय वंशी क्षत्रियों का २१ बार विनाश किया था।

FAQ about भगवान परशुराम (Bhagwan Parshuram)

1. भगवान परशुराम कौन थे?
भगवान परशुराम महर्षि जमदग्नि के पुत्र और महर्षि भृगु के पौत्र थे। उनके नाम का अर्थ है "परशु के साथ राम", क्योंकि उन्हें भगवान शिव ने एक शक्तिशाली कुल्हाड़ी (परशु) वरदान में दी थी।

2. भगवान परशुराम को कौन सा अस्त्र प्राप्त था?
भगवान परशुराम को भगवान शिव ने कठिन तपस्या के बाद एक शक्तिशाली अस्त्र, परशु (कुल्हाड़ी), वरदान में दिया था। यह उनका मुख्य अस्त्र था, जिसे उन्होंने युद्धों में उपयोग किया।

3. भगवान परशुराम के गुरु कौन थे?
भगवान परशुराम के गुरु स्वयं महादेव (भगवान शिव) थे। महादेव ने उन्हें शास्त्रों और युद्धकला की सम्पूर्ण शिक्षा दी थी, साथ ही कलारीपयाट्टू (कठिन युद्धकला) की विद्या भी सिखाई थी।

4. भगवान परशुराम के अन्य नाम क्या हैं?
भगवान परशुराम को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे जामदग्न्य (महर्षि जमदग्नि के पुत्र होने के कारण), भार्गव (भृगु वंश से होने के कारण), परशुधर (जिसके हाथ में फरसा हो), और रेणुकेय (उनकी माता के नाम पर)। उन्हें ब्रह्म-क्षत्रिय भी कहा जाता था क्योंकि जन्म से ब्राह्मण और कर्म से क्षत्रिय थे।

5. भगवान परशुराम ने कौन से कार्य किए थे?
भगवान परशुराम ने पृथ्वी से 21 बार अभिमानी और उद्दंड हैहय वंशी क्षत्रियों का विनाश किया था। उनके द्वारा यह कार्य उनके शौर्य और वीरता के प्रतीक थे।

6. भगवान परशुराम का जन्म कैसे हुआ था?
भगवान परशुराम का जन्म महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका के घर हुआ था। महर्षि जमदग्नि ने पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ किया था, जिससे भगवान इंद्र ने प्रसन्न होकर उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति का वरदान दिया था।

7. भगवान परशुराम के प्रमुख गुण कौन से थे?
भगवान परशुराम के प्रमुख गुणों में युद्धकला में निपुणता, वीरता, शूरता, पराक्रम और निर्भयता शामिल थे। ये सभी गुण उन्हें एक महान योद्धा और धर्म रक्षक बनाते थे।

8. क्या भगवान परशुराम अमर हैं?
जी हाँ, भगवान परशुराम को महादेव से चिरंजीवी का वरदान प्राप्त था, जिससे वे अमर हैं और आज भी जीवित माने जाते हैं।

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Tanuja Jha

Tanuja Jha

व्यक्ति का विनम्र स्वभाव सदैव उसकी श्रेष्ठता को दर्शाता है। Hindi Content Writer Hindi Voice-Over artist Script Reader