आयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और आगामी 22 जनवरी को इस मंदिर में रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाएगी। सनातन परंपरा की मान्यताओं के अनुसार, अयोध्या भगवान विष्णु (Bhagwan Shri Hari Vishnu) के अवतार भगवान श्रीराम (Bhagwan Shri Ram) का जन्मस्थान है। भगवान राम के जनस्थान पर मंदिर का निर्माण श्री जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा करवाया जा रहा है।
1. राम मंदिर का डिजाइन अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार द्वारा तैयार किया गया। इस परिवार का भारत में 100 मंदिरों के डिजाइन में योगदान है। मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा हैं। यह मंदिर नागर शैली की वास्तुकला में बनाया जा रहा है जो उत्तर भारत में मंदिर बनाए जाने की प्रमुख वास्तुकला है। यह एक अक्षकोणीय मंदिर है, जिसमें भगवान राम के बालरूप की मूर्ति स्थापित की जाएगी। मंदिर परिसर में संत निवास, शोध केंद्र, कर्मचारियों का आवास, भोजनालय आदि की व्यवस्था होगी।
2. भगवान राम का यह मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 161 फीट ऊंचा होगा। निर्माण के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर होगा। जिसमें एक यति निवास, संग्रहालय और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होगी। यह मंदिर इतना भव्य होगा कि दूर से ही इसकी झलक देखी जा सकेगी। नवनिर्मित राम मंदिर मंदिर तीन मंजिल का होगा। मंदिर में 5 आकर्षक मंडप होंगे, इनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप शामिल हैं। साथ ही प्रवेश के लिए 5 दरवाजे होंगे।
3. मंदिर निर्माण आधिकारिक तौर पर 5 अगस्त 2020 को आधारशिला के समारोह के बाद फिर से शुरू हुआ। इस समारोह के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा मंदिर का भूमिपूजन और अनुष्ठान किया गया था।
4. मंदिर का निर्माण प्राचीन पद्धति से किया गया है। जिसमें लोहे (Iron) का इस्तेमाल नहीं किया गया है। मंदिर निर्माण के पहले 60 मीटर गहराई तक मिट्टी की जांच की गई है। मंदिर में पत्थर के फ्रेम और लकड़ी के दरवाजों का इस्तेमाल किया गया है। राम मंदिर का निर्माण पूरी तरह से पत्थरों द्वारा किया गया है। हर एक पत्थर पर भगवान राम का नाम अंकित किया गया है। ये सभी गुलाबी बलुआ पत्थर हैं जो बंसी पहाड़पुर, भरतपुर (राजस्थान) से मंगाए गए हैं। मंदिर की दीवारों पर देवी देवताओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं।
5. राम मंदिर का जलाभिषेक 155 से ज्यादा नदियों के पवित्र जल से किया जाएगा। मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न हिंदू मंदिरों, गुरुद्वारों और जैन मंदिरों से मिट्टी भी भेजी गई। इनमें से पाकिस्तान में स्थित शारदा पीठ भी शामिल है।
6. मंदिर निर्माण के लिए पूरे भारत के लोगों ने सहयोग किया है। कई राज्यों से राम भक्तों द्वारा मंदिर निर्माण के लिए सोने और चांदी की ईंटें भेजी गई हैं। साथ ही आज भी इस मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दान मिल रहा है।
राम मंदिर निर्माण से जुड़े प्रश्न और उत्तर
प्रश्न - क्या भगवान राम के मंदिर में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है?
उत्तर: हाँ, राम मंदिर का डिजाइन अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार द्वारा तैयार किया गया है, जो आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर रहा है, लेकिन मंदिर निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
प्रश्न - क्या राम मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होगा?
उत्तर: हाँ, राम मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 161 फीट ऊंचा होगा, जिससे यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर बनेगा।
प्रश्न - राम मंदिर मंदिर निर्माण के लिए कौन-कौन से स्थान से मिट्टी भेजी गई है?
उत्तर: भक्तों ने राम मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न हिंदू, जैन, और गुरुद्वारों से मिट्टी भेजी है, जिसमें पाकिस्तान में स्थित शारदा पीठ भी शामिल है।
प्रश्न - राम मंदिर में किस प्रकार से पूजा होगी?
उत्तर: राम मंदिर में दैहिक पूजा के अलावा अन्य पूजा-अराधना भी होगी, जिसमें संगीत, नृत्य, भजन-कीर्तन, और विचार-विमर्श शामिल होगा।
प्रश्न - राम मंदिर निर्माण में कितने देशों ने योगदान दिया है?
उत्तर: राम मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न देशों से सहायता मिली है, जिसमें भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा, अंग्रेज़ी, ऑस्ट्रेलिया, नेदरलैंड, न्यूजीलैंड, और अन्य देश शामिल हैं।
प्रश्न - राम मंदिर में कौन-कौनसी सामरिक सुविधाएं होंगी?
उत्तर: मंदिर में भव्य सामरिक सुविधाएं होंगी, जिसमें यति निवास, संग्रहालय, भोजनालय, और पुरातात्विक स्थलों के लिए स्थान शामिल होगा।
प्रश्न - राम मंदिर में कौन-कौनसी धार्मिक आधारित यात्राएँ होंगी?
उत्तर: राम मंदिर में भगवान राम के भक्तों के लिए धार्मिक आधारित यात्राएँ होंगी, जिनमें आयोध्या दर्शन, तीर्थयात्रा, और रामलला के पूजन की यात्राएँ शामिल हो सकती हैं।
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