महालक्ष्मी हवन (Mahalaxmi Havan)

Mahalaxmi Havan

महालक्ष्मी हवन (Mahalaxmi Havan)

मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) - जिनकी कृपा के बिना यज्ञ हवन (Yagya Havan) नहीं होता, खान-पान का वैभव नहीं होता, सुख सुविधाओं से संपन्न जीवन संभव नहीं होता। उस मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी हवन (MahaLakshmi Havan) किया जाता है।

महालक्ष्मी हवन की विधि (Method of Mahalaxmi Havan)

मां लक्ष्मी (Mata Laxmi) के यज्ञ हवन (Yagya Havan) के लिए सबसे पहले हवन वेदी पर हवन कुंड (Havan Kund) स्थापित करें। रोली, अक्षत, मौली और पुष्प से हवन पूजा (Hawan Puja) करें। 

फिर उसमें अग्नि प्रज्वलित करें। हाथ में जल लेकर ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः  मंत्र बोलते हुए तीन बार आचमन करें। फिर मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) का ध्यान करें और संकल्प करें।

विधिवत माता महालक्ष्मी (Mata MahaLakshmi) का आवाहन करें। घी की पांच आहुतियां दें। गौरी गणेश के नाम की, नवग्रह की आहुति दें।

इसके बाद मंत्र जाप करते हुए सफेद तिल, कमलगट्टा, कटी हुई गरी, हवन सामग्री (Havan Samagri) और गाय के घी को मिलाकर हवन कुंड (Havan Kund) में  वह बोलते हुए अन्य आहुतियां दें। आहुतियां संख्या में 11, 21, 31 या 51 हो सकती है। फिर घी और नारियल से पूर्णाहुति दी जाती है। अंत में मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) को प्रिय श्री सूक्त का पाठ करते हुए खीर से आहुति दे और भोग लगाएं।

हवन के बाद कपूर या गाय के घी की ज्योत से गणेश जी (Ganesh ji ki Aarti) की और माता लक्ष्मी की आरती (Maata Lakshmi ki Aarti) की जाती है। फिर डमरू बजाकर घर से अलक्ष्मी को विदा किया जाता है। हवन के पश्चात बताशे, फल, मिठाइयां, खील और शक्कर के खिलौने प्रसाद के रूप में बांटे जाते है।

महालक्ष्मी और कमल (Mahalakshmi and Lotus)

मां लक्ष्मी (Mata Laxmi) को कमल का फूल अति प्रिय है। इसलिए मां लक्ष्मी की पूजा में कमल गट्टे का विशेष महत्व है।

घी में कमल गट्टे को मिलाकर मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) का भोग लगाने से व्यक्ति राजा जैसा जीवन जीता है। 

108 कमल गट्टों की माला मां लक्ष्मी जी पर चढ़ाने से व्यक्ति को स्थिर लक्ष्मी प्राप्त होती है।

महालक्ष्मी हवन के लिए सर्वोत्तम दिन, दिशा और श्रेष्ठ समय
Best day, direction and best time for Mahalaxmi Havan

महालक्ष्मी हवन मां लक्ष्मी (Laxmi Maa) के प्रमुख दिन शुक्रवार को करना शुभ रहता है। इसके अलावा आप रोजाना या किसी भी शुभ दिन, शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी का हवन कर सकते है। 

महालक्ष्मी के हवन के लिए सदैव उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठे क्योंकि उत्तर दिशा कुबेर की दिशा मानी गई है।

मां लक्ष्मी के हवन के लिए संध्या का समय श्रेष्ठ माना गया है।

महालक्ष्मी मंत्र जाप (Mahalakshmi Mantra Jaap)

महालक्ष्मी मंत्र जाप 27 अक्षर वाले मां लक्ष्मी के मूलमंत्र से किया जाता है।

महालक्ष्मी हवन सामग्री (Mahalaxmi Havan Samagri)

खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान, फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर, कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, दीप, अगरबत्ती।

महालक्ष्मी मूलमंत्र (Mahalaxmi Mool Mantra)

।।ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नम:।।   

।।ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।। 

।।ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।। 

।।पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ।।

महालक्ष्मी मंत्र जाप के लिए कमलगट्टे की माला सर्वोत्तम है। पूजा स्थल पर सिद्ध श्री यंत्र का होना अति शुभ माना गया है।

महालक्ष्मी हवन का महत्व (Significance of Mahalaxmi Havan)

महालक्ष्मी हवन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

ऋण या कर्ज से मुक्ति मिलती है।

आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

मां लक्ष्मी (Mata Lakshmi) एक वैष्णवी शक्ति है जिनकी कृपा के अभाव से जीवन में सभी शक्तियों का अभाव हो जाता है। महालक्ष्मी का हवन पूजा (MahaLakshmi Havan Puja) करने से सभी दुख दर्द दूर होते है और जीवन सुखमय होता है।

महालक्ष्मी हवन से जुड़े प्रश्न और उत्तर 

प्रश्न: महालक्ष्मी हवन कब और किस दिन करना चाहिए?

उत्तर: महालक्ष्मी हवन करने का सबसे शुभ दिन शुक्रवार है। इसके अलावा, आप इसे किसी भी शुभ दिन या शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं। संध्या का समय महालक्ष्मी हवन के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

प्रश्न: महालक्ष्मी हवन के लिए किस दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए?

उत्तर: महालक्ष्मी हवन के लिए सदैव उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए, क्योंकि उत्तर दिशा कुबेर की दिशा मानी गई है।

प्रश्न: महालक्ष्मी हवन के लिए आवश्यक सामग्री क्या है?

उत्तर: महालक्ष्मी हवन के लिए खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान, फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर, कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, दीप और अगरबत्ती की आवश्यकता होती है।

प्रश्न: महालक्ष्मी हवन की विधि क्या है?

उत्तर: महालक्ष्मी हवन के लिए सबसे पहले हवन कुंड स्थापित करें। अग्नि प्रज्वलित करें और मां लक्ष्मी का ध्यान करके संकल्प लें। फिर मंत्र जाप करते हुए सफेद तिल, कमलगट्टा, कटी हुई गरी, हवन सामग्री और गाय के घी की आहुतियां दें। अंत में श्री सूक्त का पाठ करते हुए खीर से आहुति दें और भोग लगाएं।

प्रश्न: महालक्ष्मी हवन करने के क्या लाभ हैं?

उत्तर: महालक्ष्मी हवन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, ऋण या कर्ज से मुक्ति मिलती है, आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है और जीवन सुखमय होता है।

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