आयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा करवाया जा रहा है। इस ट्रस्ट की घोषणा भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 5 फरवरी 2020 को लोकसभा में राम मंदिर पर चर्चा के दौरान की थी। श्री राम जन्मभूमि को लेकर लंबे समय तक चले मुकदमे के बाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने भारत सरकार को आदेश दिया था कि वो राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirmaan) के लिए एक ट्रस्ट का गठन करे। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के इसी आदेश का पालन करते हुए सरकार ने 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' का गठन किया था। इसका उल्लेख भारत सरकार ने अपने राजपत्र (gazette) में किया है।
इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य बनाए गए हैं, जिन्हें ट्रस्टी कहा जाता है। भगवान राम (Bhagwan Shri Ram) के इस पुनीत कार्य में ऐडवोकेट के. पराशरण, कामेश्वर चौपाल, महंत दिनेंद्र दास और अयोध्या राज परिवार से जुड़े राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र जैसे सदस्यों का नाम प्रमुख है। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, कुल सदस्यों में सिर्फ 10 सदस्यों को ही वोटिंग करने का आधिकार है। अन्य पांच सदस्यों को वोटिंग करने का अधिकार नहीं है। 15 सदस्यों की इस टीम में एक सदस्य हमेशा दलित समाज से होगा। साथ ही सभी सदस्यों का हिन्दू होना अनिवार्य है।
ट्रस्ट के द्वारा बताया गया है कि इन 15 सदस्यों में से एक व्यक्ति केंद्र सरकार के द्वारा नामित किया जाएगा। जो केंद्र सरकार का आईएएस अधिकारी होगा। उनके अलावा एक व्यक्ति राज्य सरकार के द्वारा नामित किया जाएगा, जो राज्य सरकार का आईएएस अधिकारी होगा। इनके अलावा अयोध्या के जिलाधिकारी भी इस ट्रस्ट के सदस्य होंगे। अगर अयोध्या के जिलाधिकारी हिन्दू नहीं होते है तो उनकी जगह पर उप जिलाधिकारी को सदस्य बनाया जाएगा।
राम मंदिर में कुल 24 पुजारी अपनी सेवाएं देंगे। इनमें से 2 एससी और एक ओबीसी पुजारी का भी पूजा के लिए चयन किया गया है। इन सभी पुजारियों का चयन तीन चरणों के साक्षात्कार के बाद हुआ है। इस चयन प्रक्रिया के लिए 3200 से ज्यादा पुजारियों ने आवेदन दिए थे। इन सभी पुजारियों की उम्र 30 वर्ष से कम है। सभी पुजारियों को रामानंदी परंपरा के अनुसार प्रशिक्षित किया गया है।
मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास हैं। उनके अलावा मीडिया की खबरों के अनुसार, मोहित पांडेय (Mohit Pandey) को रामलला के गर्भ गृह का पुजारी नियुक्त किया गया है। वो उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले हैं और दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के छात्र रहे हैं। मोहित पांडेय को वेद, शास्त्र और संस्कृत में विशेषज्ञता भी प्राप्त है, साथ ही वो रामनंदीय परंपरा के प्रकांड विद्वान हैं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े प्रश्न और उत्तर
प्रश्न - श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और पुजारी कौन हैं?
उत्तर: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों में भगवान राम के मंदिर के निर्माण से जुड़े लोग शामिल हैं, जो लोगों में महंत दिनेंद्र दास, राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, और अन्य शामिल हैं। राम मंदिर में 24 पुजारी होंगे, जिनमें एससी और ओबीसी पुजारी भी शामिल हैं।
प्रश्न - श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्यों का चयन कैसे होता है?
उत्तर: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 15 सदस्यों का चयन तीन चरणों के साक्षात्कार के बाद होता है। इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, और अयोध्या के जिलाधिकारी भी शामिल हैं।
प्रश्न - श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट में कितने सदस्यों को वोटिंग का अधिकार है और कौन-कौनसी से शर्तें हैं?
उत्तर: ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं, जिनमें से केवल 10 सदस्य वोटिंग कर सकते हैं। इसमें एक सदस्य दलित समाज से होना अनिवार्य है और सभी सदस्यों को हिन्दू होना अनिवार्य है।
प्रश्न - राम मंदिर के मुख्य पुजारी कौन हैं और अन्य पुजारियों का चयन कैसे हुआ?
उत्तर: मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास हैं। अन्य 24 पुजारियों का चयन तीन चरणों के साक्षात्कार के बाद किया गया है, जिसमें एससी और ओबीसी पुजारी भी शामिल हैं।
प्रश्न - क्या श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों को कोई सेलेरी या वेतन मिलेगा?
उत्तर: नहीं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों को कोई सेलेरी या वेतन नहीं मिलेगा, क्योंकि यह ट्रस्ट सामर्थ्य से चलाया जाएगा।
प्रश्न - श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों का कोई ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण है?
उत्तर: हाँ, ट्रस्ट के सदस्यों का ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर उपलब्ध है।
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