Friday, December 27

सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple)

Siddhivinayak Temple

सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple)

सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) भारत के पश्चिमी घाट पर बसे शहर मुंबई (Mumbai) में स्थित है। यह भारत का एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर (Ganesh Mandir) है जो भगवान गणेश (Lord Ganesha) के भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां पर भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए देश विदेश से बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। कई बार बॉलीवुड के सेलेब्रिटी और बड़े उद्योगपति दर्शन के लिए आते हैं जिसके कारण सिद्धिविनायक मंदिर मीडिया में चर्चा में रहता है।

सिद्धिविनायक मंदिर का इतिहास (History of Siddhivinayak Temple)

कहा जाता है कि इस मंदिर का सर्वप्रथम निर्माण सन 1692 में हुआ था। इसके बाद इस मंदिर का पुनर्निर्माण विट्ठु और देउबाई पाटिल ने सन 1801 में करवाया था। यह यह मंदिर बेहद छोटा था। जिसके कारण पिछले 2 दशकों में कई बार इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया है। सन 1991 में महाराष्ट्र सरकार इस मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए 20 हजार वर्गफीट की जमीन दान की है।

सिद्धिविनायक मंदिर का महत्व (Importance of Siddhivinayak Temple)

सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) भगवान गणेश (Bhagwan Ganesha) के लिए समर्पित है। इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा (Lord Ganesha Statue) की सूड़ दाईं तरह मुड़ी हुई है। जहां भी भगवान गणेश की प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे प्रतिमाएं सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं। ऐसे मंदिरों को सिद्धिविनायक मंदिर कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां के गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना को बहुत जल्द पूरा करते हैं।

इस मंदिर में भगवान गणेश (Lord Ganesha) की प्रतिमा के दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है। इसके साथ ही नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में लड्डुओं से भरा पात्र है। गणेश जी के दोनों ओर उनकी पत्नियां ऋद्धि और सिद्धि मौजूद हैं।  ऋद्धि और सिद्धि को धन, ऐश्वर्य, सफलता और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है।

सिद्धिविनायक मंदिर की संरचना (Structure of Siddhivinayak Temple)

सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Mandir) पहले काफी छोटा था। समय के साथ इसमें कई बार बदलाव किए गए हैं। वर्तमान में यह मंदिर पांच मंजिल का है। इस मंदिर की हर मंजिल अलग कार्य के लिए उपयोग होती है। यहां पर प्रवचन स्थल, गणेश संग्रहालय व गणेश विद्यापीठ मौजूद है। इसके अलावा इस मंदिर की दूसरी मंजिल में चिकित्सालय भी है जहां रोगियों की मुफ्त चिकित्सा की जाती है। इस मंजिल में रसोईघर भी है जहां भगवान के लिए प्रसाद बनाया जाता है। यहां प्रसाद में लड्डुओं का भोग लगाया जाता है।

दर्शन और यात्रा का उचित समय (Best time to visit Siddhivinayak Temple)

सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) के द्वार हर भक्त के लिए खुले हुए हैं। यहां किसी को भी मंदिर में प्रवेश से नहीं रोका जाता। हर मंगलवार को सिद्धिविनायक मंदिर में जो आरती (Bhagwan Ganesh ki Aarti) होती है वह बेहद प्रसिद्ध है। इस दिन मंदिर में दर्शन करने के लिए 2 किलोमीटर लंबी लाइन लगती है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है। हर साल गणपति पूजा (Ganpati Puja) महोत्सव यहां बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। इसके आलावा अंगारकी और संकाष्ठि चतुर्थी के दौरान भी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है। इस समय भक्त लोग मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करके पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) की गिनती देश के सबसे ज्यादा अमीर मंदिरों में होती है। शिर्डी के साईं बाबा मंदिर (Sai Baba Temple of Shirdi) के बाद यह महाराष्ट्र का दूसरा सबसे ज्यादा अमीर मंदिर (Wealthy temple) है। इस मंदिर की वार्षिक आय करोड़ो रुपये है। मंदिर का प्रबंधन ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है।

Also Read - गणेश चालीसा

  • Share: