Thursday, December 26

शनि जयंती (Shani Jayanti)

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शनि जयंती (Shani Jayanti)

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि देव (Shani Dev) वृहत रूप से पूजे जाने वाले देवता हैं, लोग इन्हें न्याय के देवता (Nyay ke Devta Shani)  के रूप में जानते हैं जो कर्मों के हिसाब से लोगों को फल प्रदान करते हैं। कहा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति के ऊपर शनि देव (Shani Dev) की शुभ दृष्टि पड़ जाए तो वह शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकता है। इसके ठीक विपरीत यदि शनि देव (Sahni Dev) की अशुभ छाया किसी के ऊपर पड़ जाए तो उसे राजा से रंक बनने में देर नहीं लगेगी।

शनी जयंती 2024 (Shani Jayanti 2024)

पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि देव (Shani Dev) सूर्य भगवान (Lord Surya) और छाया (Chaya) के पुत्र हैं जिनका जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या को हुआ था। इस हिसाब से साल 2024 में शनि जयंती 6 जून को बुधवार के दिन मनाई जाएगी। अमावस्या का शुभ मुहूर्त 5 जून को सायं 7 बजकर 54 मिनट से शुरू होगा जो अगले दिन सायं 6 बजकर 7 मिनिट तक रहेगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार शनी जयंती (Shani Jyanti) 6 जून 2024 को मनाई जाएगी।

शनि देव जयंती का महत्व (Importance of Shani Dev Jayanti)

सनातन परंपरा में शनि देव  (Shani Dev) को कर्मफल दाता कहा गया है। जो लोगों को उनको कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। यदि किसी की कुंडली में शनि दोष है या शनि की स्थिति कमजोर है तो उस व्यक्ति को शनि देव जयंती (Shani Dev Jayanti) के दिन व्रत रखकर शनि देव की पूजा करनी चाहिए। शनि देव को सरसों का तेल, काला तिल, नीले रंग के फूल, शमी के पत्ते, काला कपड़ा, काली उड़द आदि अर्पित करना चाहिए। पूजा के साथ ही शनि चालीसा, शनि स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं, इसके अलावा शनि देव के मंत्रों का जाप करें। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं।

ऐसे करें शनि देव को प्रसन्न (How to Please Shani Dev)

शास्त्रों में शनि देव (Shani Dev) को पसन्न करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करने से जीवन में आने वाले संकटों से छुटकारा पाया जा सकता है। शनि जयंती के दिन पश्चिम दिशा में तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके साथ ही "ॐ शं अभयहस्ताय नमः" और "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें। दोनों मंत्रों का कम से कम 11 माला जाप करें।

शनि जयंती की पौराणिक कथा एवं महत्व (Mythological story and significance of Shani Jayanti)

शनि देव भगवान सूर्य (Lord Surya) और उनकी पत्नी छाया (Chaya) के पुत्र हैं। जन शनि देव का जन्म हुआ तब उनके श्याम वर्ण को देखकर सूर्य देव ने छाया पर आरोप लगाया कि शनि उनका पुत्र नहीं है। तब से शनि देव सूर्य भगवान से शत्रुता रखते हैं।

शनिदेव ने कई सालों तक महादेव (Mahadev) की तपस्या की। भूखा-प्यासा रहकर उन्होंने भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न कर लिया। भगवान शिव शनिदेव के समक्ष प्रकट हुए। उन्होंने शनिदेव से वरदान मांगने को कहा। तब उन्होंने कहा कि मेरी माँ छाया हमेशा प्रताड़ित होती रही हैं। उन्हें मेरे पिता सूर्य द्वारा बार-बार अपमानित किया गया है। इसलिए मेरी माता की इच्छा है कि मैं अपने पिता से भी ज्यादा पूज्य एवं शक्तिशाली बनूं।

तब भगवान शिव ने वरदान देते हुए कहा कि ऐसा ही होगा। इस संसार के नवग्रहों में तुम्हारा स्थान सर्वश्रेष्ठ रहेगा। साथ ही तुम इस धरती के न्यायाधीश व दंडाधिकारी रहोगे। तुम्हारे पास इतनी असीम शक्ति आ जाएगी कि साधारण मनुष्य के साथ देवता, असुर, विद्याधर, नाग, किन्नर और सिद्ध पुरुष भी तुमसे भयभीत रहेंगे। 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: शनि जयंती 2024 कब है?

उत्तर: शनि जयंती 6 जून  2024 को मनाई जाएगी।

प्रश्न: शनि देव किसके पुत्र हैं?

उत्तर: शनि देव भगवान सूर्य और उनके पत्नी छाया के पुत्र हैं।

प्रश्न: शनि जयंती क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है?

उत्तर: शनि जयंती उनके जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है और यह परंपरागत रूप से न्याय के देवता शनि के पूजन का अवसर है। इस दिन कई लोग उनके पूजन करते हैं और उनकी कृपा की कामना करते हैं।

प्रश्न: शनि देव के पूजन से क्या लाभ होता है?

उत्तर: शनि देव के पूजन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से लाभ होता है। उनकी कृपा से व्यक्ति के कर्मों का फल भी प्राप्त होता है।

प्रश्न: शनि देव की अशुभ दृष्टि से कैसे बचा जा सकता है?

उत्तर: शनि देव की अशुभ दृष्टि से बचने के लिए व्यक्ति को उनकी पूजा, व्रत और अनुष्ठान करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, उनकी शुभ दृष्टि के लिए उपायों को भी अपनाया जा सकता है।

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