Thursday, March 13

महाशिवरात्रि पूजा 2025

Mahashivratri puja 2024

महाशिवरात्रि पूजा (Mahashivratri celebration)

भारत में धार्मिक त्योहारों को लेकर प्रत्येक व्यक्ति के अंदर अच्छा उत्साह  देखने को मिलता है। पूरे वर्ष भर में मनाये जाने वाले हर एक त्योहार के आने पर उसकी तैयारियां एवं त्योहार मनाए जाने का जोश सभी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है।

हमारे धार्मिक त्योहारों में से एक त्योहार है महाशिवरात्रि (Maha Shivratri)। भारतवर्ष में शिव भक्तों की संख्या अनगिनत है, इसी के परिणाम स्वरूप मासिक शिवरात्रि से लेकर महाशिवरात्रि तक की पूजा पूरे धूमधाम से की जाती है।

महाशिवरात्रि दिनांक (Mahashivratri date)

महाशिवरात्रि पूजा 2025 का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र विवाह की स्मृति में विशेष रूप से मनाया जाता है। शिव भक्त इस दिन व्रत, उपवास और रात्रि जागरण करते हैं, साथ ही शिवलिंग की पूजा कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

पूजा विधि:

  1. स्नान और संकल्प:

    • सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
    • व्रत और पूजा का संकल्प लें।
  2. शिवलिंग का अभिषेक:

    • गंगाजल, दूध, दही, शहद, और बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
    • धूप, दीप और अक्षत अर्पित करें।
  3. मंत्र जाप:

    • "ॐ नमः शिवाय" और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
    • चार प्रहर की पूजा करें।
  4. रात्रि जागरण:

    • रातभर जागरण करते हुए शिव भजनों का पाठ करें।
  5. आरती और प्रसाद:

    • अंतिम प्रहर में भगवान शिव की आरती करें।
    • प्रसाद वितरण करें।

महाशिवरात्रि का महत्व:

महाशिवरात्रि पर व्रत रखने और पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह दिन आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।

इस दिन के संबंध में भगवान शिव के विवाह से जुड़ी कथाएं प्रचलित है। कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और माता पार्वती (Mata Parvati) का विवाह संपन्न हुआ था, अतः इसी के उपलक्ष में हम महाशिवरात्रि का त्योहार मनाते हैं।

वहीं दूसरी ओर महाशिवरात्रि के विषय में कहा गया है कि इस दिन भगवान शिव के क्रोध को शांत करने के लिए माता पार्वती ने उपवास रखकर विधि विधान से महाशिवरात्रि की पूजा आरंभ की थी, तभी से भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह पूजा की जाती है।

ध्यान देने योग्य बातें

महाशिवरात्रि के दिन उपवास रखने तथा पूरी श्रद्धा से भगवान भोलेनाथ (Bhagwan Bholenath) की पूजा करने से वे अवश्य प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोवांछित इच्छाएं पूरी करते हैं। पूजा के लिए आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि पूजा में भोलेनाथ का रुद्राभिषेक अति आवश्यक होता है एवं पूजन सामग्री में पवित्र नदी का जल, धतूरा, बेलपत्र, शहर, घी, जनैव इत्यादि वस्तुएं अवश्य शामिल करनी चाहिए 

महाशिवरात्रि से सम्बंधित प्रश्न और उत्तर 

प्रश्न: महाशिवरात्रि क्या है और इसे कैसे मनाया जाता है?

उत्तर: महाशिवरात्रि भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। लोग इस दिन शिव की पूजा करते हैं, उनके मंत्र जपते हैं और उनकी आराधना करते हैं।

प्रश्न: महाशिवरात्रि की पूजा के लिए क्या तैयारी की जानी चाहिए?

उत्तर: महाशिवरात्रि की पूजा के लिए आपको शिवलिंग के लिए फल, फूल, धूप, दीप, बेल पत्र, धतूरा, गंगा जल, और पूजन सामग्री की तैयारी करनी चाहिए।

प्रश्न: महाशिवरात्रि की पूजा में क्या विधि है?

उत्तर: महाशिवरात्रि की पूजा में शिवलिंग पर पानी चढ़ाना, बेल पत्र चढ़ाना, धूप और दीप जलाना, भजन गाना, और मंत्र जपना शामिल होता है।

प्रश्न: महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?

उत्तर: महाशिवरात्रि को भगवान शिव के विवाह के अवसर के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा, इस दिन को शिव भक्ति, तपस्या, और परमात्मा के प्रति समर्पण का प्रतीक माना जाता है।

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